कार्पोरेट व इनकम टैक्स में छूट चाहते हैं उद्यमी

कार्पोरेट व इनकम टैक्स में छूट चाहते हैं उद्यमी


पूर्वांचल के सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों ‘एमएसएमई से संबद्ध उद्यमियों को एक फरवरी को पेश किये जाने वाले केन्द्रीय बजट से रियायतों की उम्मीद है। एमएसएमई सुस्ती और कर्ज न मिल पाने से नकदी के संकट के दौर से गुजर रहा है। नए बजट में बेहतरी के लिए प्रावधान करने होंगे। उद्यमियों की मांग है कि कार्पोरेट टैक्स में छूट पुराने उद्योगों के मामले में भी मिलना चाहिए। इनकम टैक्स के स्लैब में भी छूट मिलनी चाहिए।


गीडा के प्रमुख उद्यमियों की मांग है कि एमएसएमई द्वारा दी जाने वाली पेशेवर सेवाओं पर वस्तु एवं सेवा कर ‘जीएसटी की दर 5 फीसदी की जाए, यह अभी 18 फीसदी है। छोटे व मध्यम उद्योगों को राहत देने के लिए बैंकों द्वारा एमएसएमई से वसूले जाने वाले सभी तरह के सर्विस चार्ज पूरी तरह माफ किए जाएं। गीडा में फर्नीचर उद्योग से जुड़े उद्यमी डॉ.आरिफ साबिर का कहना है कि उद्यमियों की मांग है कि वन टाइम सेटलमेंट को लेकर अलग से ट्रिब्यूनल बनाया जाए। ताकि उद्यमियों की समस्याओं का जल्द निपटारा हो सके। टीडीएस कटौती दर कम होना चाहिए। ताकि व्यापारियों की कम पूंजी ब्लाक हो। उद्यमी विकास जालान का कहना है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज पर ब्याज बहुत ज्यादा है। अतः नए बजट के तहत इस क्षेत्र के लिए कर्ज पर ब्याज दरों में कमी किए जाने की जरूरत है।


उद्यमियों की उम्मीदें


-पूरे देश में उद्योगों को एक कीमत पर बिजली मुहैया कराया जाए।


-सूक्ष्म, छोटी और मझौली इकाइयों में नई जान फूंकने के लिए ज्यादा व सस्ते कर्ज की सुविधा


- पेशेवर सेवाओं पर जीएसटी की दर में कमी


- बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज की समाप्ति


-आयकर छूट के लाभ, कोलेटरल-फ्री लोन की सीमा बढ़ाएं


बोले उद्यमी-


लघु और मध्यम वर्ग के उद्योगों को कर्ज में छूट मिलनी चाहिए। यूपी के बिजली के रेट उत्तराखंड और गुजरात से अधिक है। पूरे देश में बिजली का रेट एक होना चाहिए, ताकि प्रतिस्पर्धा ठीक होगी। इनकम टैक्स कम होगा तो लोगों की जेब में पैसा आएगा।


किशन बथवाल, उद्यमी


जीएसटी का स्लैब 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी तक लाना होगा। पुरानी फैक्ट्रियां पुराने तकनीक से चल रही हैं। उनका जीर्णोद्धार हो सके, इसके लिए सरकार को पैकेज देना होगा। व्यक्तिगत इनकम टैक्स के रेट में कमी होनी चाहिए।


ओम प्रकाश जालान, उद्यमी


5 लाख तक आयकर को शून्य किया जाए। वहीं 5 से 10 लाख रुपये तक 10 फीसदी, 10 से 20 लाख तक 20 फीसदी और 20 लाख के ऊपर आयकर को 30 फीसदी के स्लैब में रखा जाए। इससे मध्यम वर्ग के उद्यमियों को फायदा होगा।


डॉ.आरिफ साबिर, उद्यमी


नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिये कॉर्पोरेट टैक्स की दर 15 फीसदी है। निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पुरानी कंपनी द्वारा किये गए निवेश पर भी 15 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स की दर अनुमन्य होनी चाहिए। व्यक्तिगत इनकम टैक्स के स्लैब में कटौती की उम्मीद है